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राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा ने सर्वे में हार रहे विधायको मंत्रियो को बताया कौन जीत रहा कौन हार रहा,स्थिति सुधारने को कहा


जयपुर, संजीव मेहता।चुनावी साल में कांग्रेस ने 200 विधानसभा सीटों पर राजस्थान से बाहर की एक एजेंसी से सर्वे कराया था। सर्वे के नतीजे कई मंत्रियों और विधायकों की नींद उड़ाने वाले हैं। सर्वे का सार है कि यदि इन्हें दोबारा टिकट दिए तो हार लगभग तय है।

सर्वे में 50% से ज्यादा मंत्री-विधायकों को लेकर एंटीइंकंबेंसी सामने आई है। खुद प्रभारी रंधावा ने वन-टू-वन में मंत्री-विधायकों से साफ शब्दों में कहा कि आप जीत नहीं पाएंगे। हालांकि सर्वे में सरकार के स्तर पर एंटीइंकंबेंसी की स्थिति खतरनाक स्तर पर नहीं मिली है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने हाल ही में विधायकों का सर्वे करवाया है। कांग्रेस की फीडबैक मीटिंग के बाद से ये चर्चाएं चल रही हैं… आखिर ये सर्वे क्या है? इस सर्वे के रिजल्ट क्या हैं?
पिछले डेढ़ माह से सर्वे चल रहा था। प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर सर्वे हुआ है। सर्वे में अलग-अलग नतीजे आए हैं-निगेटिव भी और पॉजिटिव भी । सबसे ज्यादा चिंता सर्वे में मौजूदा मंत्रियों और विधायकों को लेकर सामने आई है।

अचानक तय हुए विधायकों के वन-टू-वन के पीछे भी यही सर्वे मुख्य कारण है। सर्वे के नतीजे आने के बाद प्रभारी सुखजिंदर रंधावा और सीएम गहलोत ने 17 अप्रैल से 20 अप्रैल तक विधायकों से वन-टू-वन बात की।

जिन विधायकों की सर्वे में स्थिति खराब : उनको वन-टू-वन के दौरान प्रभारी रंधावा ने साफ कह दिया कि आपकी स्थिति खराब है, आप
दोबारा नहीं जीतोगे। किसी प्रभारी का इस तरह मंत्री-विधायकों को बोल देना चौंकाने वाला रहा। खुद सीएम गहलोत ने 19 अप्रैल को बिड़ला ऑडिटोरियम की मीटिंग में कहा- मैंने कई प्रभारी देखे, लेकिन रंधावा पहले प्रभारी हैं, जो विधायकों को साफ कह रहे हैं कि आप जीत नहीं पाएंगे।
कांग्रेस के एक कैबिनेट मंत्री का कहना है कि वन टू वन का मकसद यही है कि समय रहते सर्वे के नतीजों के आधार पर विधायकों को चेता दें ताकि वे अपनी स्थिति में सुधार कर लें। जिनकी क्षेत्र में बहुत ज्यादा स्थिति खराब है, उनको कहा जा रहा है कि आपको टिकट दिया जाता है तो आप जीत नहीं पाएंगे। इस कवायद का एक ही मैसेज है कि विधायकों को टटोलना और अपनी तरफ से मैसेज देना कि सुधार करने की जरूरत है।
बॉर्डर लाइन पर खड़े विधायक : ऐसे विधायकों को रंधावा और सीएम की तरफ से पूछा भी गया है कि सरकार के स्तर पर उनके क्षेत्र में और क्या करना चाहिए? मसलन कोई विकास का काम या कोई ऐसा प्रोजेक्ट जिसे लागू करने से किसी पर्टिकुलर इलाके में कांग्रेस की स्थिति बेहतर की जा सके।

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